Farmer Bill:किसान बिल How will the farmers of India benefit : New Government Scheme For Farmers
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किसानों के बिल 2020 ने समझाया: केंद्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए लाए गए तीन बिलों का विपक्ष पुरजोर विरोध कर रहा है। ऐसे में सरकार ने बिल के बारे में फैलाए जा रहे ‘झूठ’ के सामने सच्चाई रख दी है।
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कृषि बिलों को लेकर राजनीति तेज है। विपक्ष ने नए प्रावधानों का कड़ा विरोध किया है। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान इन बिलों को लेकर बेहद आक्रामक हैं। 25 सितंबर को, पंजाब में किसानों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। संसद में भी इस मुद्दे पर सरकार को लगातार घेरा जा रहा है और हंगामा हो रहा है। चूंकि यह मुद्दा किसानों से जुड़ा है, इसलिए कोई भी राजनीतिक दल खुद को मित्रवत साबित करने से नहीं चूकना चाहता। सरकार ने क्या बदलाव किए हैं, इसे लेकर किसानों के मन में कई शंकाएं हैं। इन शंकाओं को दूर करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने अखबारों में विज्ञापन देकर स्थिति को साफ करने की कोशिश की है। छह प्रमुख बिंदुओं पर, सरकार ने ‘झूठ’ और ‘सच्चाई’ को सामने रखा है।
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न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP) का क्या होगा?
झूठ: किसानों का बिल वास्तव में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं देने की साजिश है।
सच्चाई: किसान विधेयक के न्यूनतम समर्थन मूल्य का इससे कोई लेना-देना नहीं है। एमएसपी दिया जा रहा है और भविष्य में भी दिया जाएगा।
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मंडियों का क्या होगा?
झूठ: अब मंडियां खत्म हो जाएंगी।
सच्चाई: मंडी व्यवस्था यथावत रहेगी।
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किसान विरोधी है बिल?
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झूठ: किसान विधेयक किसानों के खिलाफ है।
सच्चाई: किसानों को किसानों के बिल से आजादी अब किसान कहीं भी, किसी को भी अपनी फसल बेच सकते हैं। यह ‘वन नेशन वन मार्केट’ स्थापित करेगा। बड़ी खाद्य प्रसंस्करण कंपनियों के साथ भागीदारी करके, किसान अधिक लाभ अर्जित करने में सक्षम होंगे।
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बड़ी कंपनियां शोषण करेंगी?
झूठ: बड़ी कंपनियां अनुबंध के नाम पर किसानों का शोषण करेंगी।
सच्चाई: समझौता किसानों को पूर्व निर्धारित मूल्य देगा, लेकिन किसान को उसके हितों के खिलाफ नहीं जोड़ा जा सकता है। किसान किसी भी समय उस समझौते से हटने के लिए स्वतंत्र होगा, इसलिए उससे कोई जुर्माना नहीं लिया जाएगा।
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क्या किसान अपनी जमीन खो देंगे?
झूठ: पूंजीपतियों को किसानों की जमीन दी जाएगी।
सच्चाई: विधेयक में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किसानों की भूमि की बिक्री, पट्टे और बंधक पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। समझौता फसलों के साथ होगा, भूमि के साथ नहीं।
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क्या किसान नुकसान में हैं?
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झूठ: किसानों के बिल से बड़े कॉरपोरेट को फायदा, किसानों को नुकसान
सच्चाई: कई राज्यों में, बड़े निगमों के साथ, किसान गन्ना, चाय और कॉफी जैसी फसलें उगा रहे हैं। अब छोटे किसानों को अधिक लाभ मिलेगा और उन्हें प्रौद्योगिकी और दृढ़ मुनाफे में विश्वास मिलेगा।
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